भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में Vikram Solar एक बड़ा नाम है, जिसकी स्थापना के बाद से ही कंपनी ने तेजी से अपनी क्षमता बढ़ाई है। 2009 में मात्र 12 MW क्षमता से शुरुआत करते हुए, 31 मार्च 2024 तक कंपनी की स्थापित सोलर PV मॉड्यूल क्षमता 3.50 GW तक पहुँच चुकी है। ALMM (Approved List of Module Manufacturers) में भी कंपनी 2.43 GW की सूचीबद्ध क्षमता के साथ शामिल है। कंपनी के निर्माण संयंत्र Falta SEZ, कोलकाता और Oragadam, चेन्नई में स्थित हैं, जो पोर्ट, रेल और रोड नेटवर्क से जुड़े हैं, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में संचालन आसान हो जाता है। Vikram Solar का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2026 तक क्षमता को 10.50 GW और 2027 तक 15.50 GW तक बढ़ाया जाए।

IPO की मुख्य जानकारी
Vikram Solar का मेगा IPO 19 अगस्त 2025 से 21 अगस्त 2025 के बीच ओपन होगा। इसमें ₹1,500 करोड़ का फ्रेश इश्यू और 1,74,50,882 शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा। फ्रेश इश्यू से जुटाई गई राशि का बड़ा हिस्सा Phase-I प्रोजेक्ट के तहत 3 GW सोलर सेल और मॉड्यूल फैक्ट्री के लिए ₹793.36 करोड़ और Phase-II में क्षमता को 6 GW तक ले जाने के लिए ₹602.92 करोड़ पर खर्च किया जाएगा। बाकी राशि जनरल कॉर्पोरेट जरूरतों में उपयोग होगी। रिटेल निवेशकों के लिए 35% हिस्सा आरक्षित है और यह NSE व BSE दोनों पर लिस्ट होगा। प्राइस बैंड, लॉट साइज और GMP (Grey Market Premium) की घोषणा जल्द की जाएगी।
वित्तीय प्रदर्शन और मजबूती
पिछले कुछ वर्षों में कंपनी का प्रदर्शन सुधरा है। FY 2022 में जहां ₹62.94 करोड़ का घाटा हुआ था, वहीं FY 2023 में ₹14.49 करोड़ का मुनाफा और FY 2024 में ₹79.72 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ। FY 2024 में कंपनी का राजस्व ₹2,510.99 करोड़ और EBITDA मार्जिन 15.87% रहा। ROCE 20.76% और RONW 17.90% दर्ज किया गया। Debt/Equity अनुपात भी घटकर 1.81 पर आ गया है, जो वित्तीय मजबूती को दर्शाता है। EPS FY 2024 में ₹3.08 तक पहुंच गया है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।
निवेशकों के लिए संभावनाएँ
यह IPO न केवल निवेशकों को तेजी से बढ़ते सौर ऊर्जा सेक्टर में हिस्सेदारी का मौका देता है, बल्कि भारत के ग्रीन एनर्जी मिशन को भी मजबूती प्रदान करता है। वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा की मांग बढ़ रही है और सरकारी नीतियों के सहयोग से Vikram Solar आने वाले वर्षों में अपने बाजार हिस्से को और मजबूत कर सकता है। IPO के बाद जुटाई गई पूंजी से उत्पादन क्षमता में होने वाला विस्तार कंपनी के दीर्घकालिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा। यदि प्राइस बैंड और GMP अनुकूल रहे तो यह निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है।
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