सिर्फ बिजली नहीं, नौकरी भी देगा सोलर! 2025 तक 1 करोड़ रूफटॉप सोलर और 13 लाख ग्रीन जॉब्स का वादा पूरा करेगी सरकार

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | August 2, 2025

भारत में सोलर ऊर्जा केवल बिजली बचाने का साधन नहीं रह गया है, बल्कि अब यह देश के लाखों युवाओं के लिए रोज़गार का जरिया बनता जा रहा है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025 तक 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जाएं और साथ ही 13 लाख से ज्यादा ग्रीन जॉब्स उत्पन्न किए जाएं। यह जानकारी खुद लोकसभा में साझा की गई है और यह लक्ष्य पूरी तरह से “हरित और आत्मनिर्भर भारत” के विज़न को आगे बढ़ाता है। इस दिशा में नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) कई योजनाओं को जमीन पर उतार चुका है जो न सिर्फ बिजली उत्पादन बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर भी दे रही हैं।

Govt to Offer 13 Lakh Green Jobs by 2025

रूफटॉप सोलर से बदलेगा 1 करोड़ घरों का भविष्य

सरकार द्वारा फरवरी 2024 में शुरू की गई पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM-SGMBY) का उद्देश्य है कि 2026-27 तक एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएं जाएं। यह योजना पूरे देश में लागू की गई है और इसमें ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों के घरों को शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश के सतना जिले में हजारों लोग इसका लाभ ले चुके हैं और यह रफ्तार अब अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रही है। इस योजना के ज़रिए न सिर्फ लोगों के बिजली बिल कम हो रहे हैं बल्कि उन्हें अपने घरों में ऊर्जा की आत्मनिर्भरता भी मिल रही है।

13 लाख ग्रीन जॉब्स से युवाओं को मिलेगा नया अवसर

Council on Energy, Environment and Water (CEEW) और TERI की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक देश में लगभग 13 लाख ग्रीन जॉब्स उत्पन्न होंगी। ये नौकरियां सोलर, विंड, बायोमास और हाइड्रो पावर जैसे क्षेत्रों में होंगी, जिनमें तकनीकी, निर्माण, मेंटेनेंस और ट्रेनिंग जैसे अलग-अलग स्तरों पर काम मिल सकेगा। सरकार ने अब तक “सूर्यमित्र”, “वायुमित्र” और “जल-ऊर्जा मित्र” जैसे स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 31,000 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया है। साथ ही, Skill Council for Green Jobs (SCGJ) और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हज़ारों लोगों को सोलर सेक्टर में तैयार किया गया है।

किसानों के लिए भी है सोलर कमाई का जरिया

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना के तहत किसानों को सोलर पंप और ग्रिड से जुड़े सोलर प्लांट लगाने की सुविधा दी जा रही है। इससे किसान डीजल और बिजली पर निर्भरता घटाकर अपनी लागत कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, किसान अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर एक नया इनकम सोर्स भी बना सकते हैं। यह योजना राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जा रही है और इसके ज़रिए किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए गए हैं।

सोलर पार्क से हो रहा है बड़े पैमाने पर उत्पादन

MNRE द्वारा “सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट्स” की योजना के तहत कई राज्यों में बड़े सोलर पार्क्स मंज़ूर किए गए हैं। अकेले मध्य प्रदेश में 4,248 मेगावॉट की सोलर कैपेसिटी मंज़ूर की गई है। ये पार्क न केवल देश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता में योगदान दे रहे हैं बल्कि इनसे जुड़ी निर्माण और रखरखाव गतिविधियों में हजारों लोगों को रोजगार भी मिला है। सरकार की यह सोच साफ है – हरित ऊर्जा के ज़रिए आर्थिक विकास और रोज़गार दोनों को एक साथ आगे बढ़ाना।

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