भारत में सोलर एनर्जी सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार भी लगातार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार कर रही है। इसी दिशा में Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) ने Approved List of Models and Manufacturers (ALMM) से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है। अब Co-Branded Solar PV Modules की वैधता दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी गई है। यह बदलाव न सिर्फ ब्रांड ओनर्स के लिए राहत भरा है बल्कि सोलर इंस्टॉलेशन कंपनियों और ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

Co-Branded Solar PV क्या है और कैसे काम करता है
Co-Branded Solar PV मॉड्यूल वह होता है जिसे कोई Original Equipment Manufacturer (OEM) तैयार करता है लेकिन उसे किसी दूसरे ब्रांड नेम से बाजार में बेचा जाता है। उदाहरण के लिए, एक पैनल XYZ Solar ब्रांड के नाम से बिक सकता है, लेकिन उसका निर्माण किसी अन्य ALMM-लिस्टेड निर्माता ने किया हो। ऐसे मामलों में पहले ब्रांड ओनर और OEM दोनों को अलग-अलग ALMM में लिस्ट होना पड़ता था, लेकिन अब नए नियमों में कुछ लचीलापन दिया गया है।
नए बदलाव में क्या खास है
MNRE के अनुसार अब Co-Branded enlistment की वैधता चार साल होगी, जो पहले सिर्फ दो साल थी। यह वैधता केवल समय पर निर्भर नहीं करेगी, बल्कि ब्रांड ओनर और OEM के बीच बिजनेस रिलेशन और दोनों के ALMM स्टेटस पर भी आधारित होगी। अगर ब्रांड ओनर ALMM में रजिस्टर्ड नहीं है लेकिन OEM है, तो ऐसे मॉड्यूल केवल Distributed Renewable Energy (DRE) प्रोजेक्ट्स में ही इस्तेमाल होंगे जिनकी क्षमता 1 MW से कम है। ब्रांड ओनर को भारत में Companies Act, 2013 के तहत रजिस्टर्ड होना जरूरी है और उसके पास कहीं भी खुद का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं होना चाहिए। साथ ही, सभी वारंटी जैसे प्रोडक्ट, परफॉर्मेंस, पावर आउटपुट और लाइफटाइम, ब्रांड ओनर और OEM दोनों मिलकर देंगे।
बदलाव का उद्देश्य
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना, उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और लंबे समय तक भरोसेमंद सोलर समाधान उपलब्ध कराना है। चार साल की वैधता से कंपनियों को अधिक स्थिरता मिलेगी और प्रोजेक्ट डेवलपर्स को यह भरोसा होगा कि उनके लगाए गए सोलर पैनल लंबे समय तक सही तरीके से काम करेंगे। यह कदम विशेष रूप से उन ब्रांड्स के लिए फायदेमंद है जो खुद पैनल का निर्माण नहीं करते लेकिन OEM के साथ पार्टनरशिप में उन्हें बेचते हैं।
बाजार पर असर
इस फैसले से Co-Branded Solar PV बाजार में मजबूती आएगी। छोटे और मध्यम स्तर के ब्रांड्स को OEM के साथ लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट करने का अवसर मिलेगा। ग्राहकों को लंबे समय तक वारंटी और बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट मिलेंगे। इंस्टॉलेशन कंपनियां भी ज्यादा कॉन्फिडेंस के साथ अपने प्रोजेक्ट पूरे कर पाएंगी। अंततः यह बदलाव भारत को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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