Solar में Gujarat का तगड़ा धमाका! Rajasthan को पछाड़ने से बस एक कदम दूर, नीति और टेक्नोलॉजी ने बदली तस्वीर

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | August 2, 2025

भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में Gujarat ने एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। 2024-25 में राज्य ने 20,219.48 मिलियन यूनिट (MUs) सोलर बिजली का उत्पादन किया, जो पिछले साल के 13,468.91 MUs से करीब 50% अधिक है। दो साल पहले यानी 2022-23 में यही उत्पादन केवल 10,335.32 MUs था। इस रफ्तार से गुजरात ने महज दो वर्षों में अपनी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को लगभग दोगुना कर लिया है। अब गुजरात देश का दूसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य बन चुका है और पहले स्थान पर काबिज Rajasthan को पीछे छोड़ने में सिर्फ एक कदम दूर है।

Gujarat doubled solar production in 2 years

नीति और टेक्नोलॉजी ने गुजरात की तस्वीर बदली

गुजरात की Renewable Energy Policy में स्पष्ट रूप से एक विकेन्द्रीकृत (decentralised) अप्रोच को अपनाया गया है, जिसमें रूफटॉप सोलर और सोलर पार्क मॉडल को प्राथमिकता दी गई है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की पहुँच तेज़ी से बढ़ी है। PM Surya Ghar Yojana के तहत लोगों को सब्सिडी और आसान बैंक लोन मिल रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को सोलर अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिला है। पहले जहां रूफटॉप सोलर सिर्फ शहरों तक सीमित था, वहीं अब गांवों में भी लोग इसे तेजी से अपना रहे हैं। इंडस्ट्रीज भी अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए कैप्टिव सोलर यूनिट्स लगा रही हैं।

कच्छ और बनासकांठा में बड़े स्तर पर सोलर पार्क

गुजरात के कच्छ, बनासकांठा और पाटण जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर सोलर पार्क बनाए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में जमीन की उपलब्धता, कम लागत और मजबूत ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे फैक्टर्स ने इन्हें निवेश के लिए आदर्श बना दिया है। कई कंपनियां यहां अपने Sustainability Goals को पूरा करने के लिए Captive Solar Plants स्थापित कर रही हैं। साथ ही, यूरोपियन यूनियन की Carbon Border Adjustment Mechanism (CBAM) जैसी ग्लोबल नीतियों ने भी भारतीय निर्यातकों को डिकर्बोनाइजेशन की दिशा में कदम बढ़ाने पर मजबूर किया है, जिससे सोलर उत्पादन और तेज़ हुआ है।

निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर का मजबूत प्लान

गुजरात की ऊर्जा वितरण कंपनी GUVNL ने सौर ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए GETCO के जरिए ₹1 लाख करोड़ के निवेश की योजना बनाई है। इस इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड से भविष्य में सौर ऊर्जा का उत्पादन और वितरण दोनों और अधिक कुशल हो पाएंगे। GUVNL के मैनेजिंग डायरेक्टर जय प्रकाश शिवहरे के अनुसार, गुजरात की नीति captive और third-party प्रोजेक्ट्स के लिए बेहद enabling है। यहां किसी भी क्षमता की सीमा नहीं है और इंडस्ट्रीज पूरी स्वीकृत क्षमता का उपयोग कर रही हैं।

राजस्थान को पीछे छोड़ने के बेहद करीब

गुजरात की तेज़ रफ्तार और रणनीतिक निर्णयों ने इसे भारत का सबसे तेज़ी से उभरता हुआ सोलर पावर राज्य बना दिया है। जहाँ राजस्थान 2024-25 में 49,101.62 MUs के साथ टॉप पर है, वहीं गुजरात की ग्रोथ ट्रेंड को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ ही वर्षों में वह नंबर-1 की कुर्सी पर कब्जा कर सकता है। कम लागत, सहज नीतियाँ, इंडस्ट्री की दिलचस्पी और तकनीकी प्रगति—ये सभी कारक गुजरात को भारत की Renewable Energy Capital बनाने की ओर ले जा रहे हैं।

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