On-Grid, Off-Grid और Hybrid Solar System में से कौन सा सिस्टम बेहतर है, जानिए फायदे और नुकसान 

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | August 1, 2025

आजकल हर कोई बिजली बचाने और बिजली बिल से छुटकारा पाने के लिए सोलर सिस्टम की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर कौन सा सोलर सिस्टम हमारे लिए सही रहेगा – On-Grid, Off-Grid या Hybrid? इस सवाल का जवाब आसान नहीं है, क्योंकि हर सिस्टम के अपने फायदे और नुकसान हैं। इस आर्टिकल में हम तीनों सोलर सिस्टम को विस्तार से समझेंगे ताकि आप अपने घर, दुकान या ऑफिस के लिए सही विकल्प चुन सकें।

Types of rooftop solar system

On-Grid Solar System क्या है और इसके फायदे-नुकसान

On-Grid सोलर सिस्टम सीधे बिजली विभाग की ग्रिड से जुड़ा होता है। जब सोलर पैनल बिजली बनाते हैं और वह आपके घर की जरूरत से ज्यादा होती है, तो वो एक्स्ट्रा बिजली सीधे ग्रिड को भेज दी जाती है। इसके लिए एक खास नेट मीटर लगाया जाता है, जो यह रिकॉर्ड करता है कि आपने ग्रिड को कितनी बिजली दी और ग्रिड से कितनी ली। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें बैटरी की जरूरत नहीं होती है, जिससे इसकी कीमत काफी कम होती है। इसके साथ ही सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे आपकी लागत और भी घट जाती है। हालांकि इसका एक बड़ा नुकसान यह है कि अगर बिजली विभाग की सप्लाई बंद हो गई, तो यह सिस्टम भी काम नहीं करेगा, भले ही दिन में तेज धूप हो और पैनल बिजली बना रहे हों। यानी इसमें कोई बैकअप नहीं होता है और यह उन जगहों के लिए ठीक है जहां 20 से 22 घंटे बिजली रहती है।

Off-Grid Solar System कब लगवाना चाहिए

Off-Grid सिस्टम उन इलाकों के लिए सबसे अच्छा होता है जहां बिजली की कटौती बहुत होती है या बिजली आती ही नहीं है। इस सिस्टम में सोलर पैनल से बन रही बिजली सीधे बैटरियों में स्टोर होती है और फिर वहीं से पूरे घर का लोड चलता है। यानी इस सिस्टम का ग्रिड से कोई लेना-देना नहीं होता है। अगर आप चाहें तो पूरी तरह बिजली विभाग का कनेक्शन भी हटा सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिजली जाने पर भी घर का सारा सिस्टम बैटरी से चलता रहता है। लेकिन इसमें बैटरियों की कीमत काफी होती है और उन्हें हर 4-5 साल में बदलना भी पड़ता है। साथ ही, अगर आपके पैनल ज्यादा बिजली बना रहे हैं और बैटरी फुल हो चुकी है तो बची हुई बिजली वेस्ट हो जाती है क्योंकि उसे ग्रिड को भेजने की सुविधा नहीं होती है।

Hybrid Solar System: जब सब कुछ चाहिए एक साथ

Hybrid सिस्टम, On-Grid और Off-Grid दोनों का कॉम्बिनेशन होता है। इसमें सोलर पैनल, बैटरी और ग्रिड तीनों चीजें एक साथ काम करती हैं। सबसे पहले बैटरी चार्ज होती है, फिर एक्स्ट्रा बिजली ग्रिड में भेजी जाती है और जरूरत होने पर ग्रिड से भी बिजली ली जा सकती है। अगर बिजली चली भी जाती है तो बैटरी से घर का लोड चलता रहता है। यानी दिन हो या रात, बिजली हो या न हो 24 घंटे लाइट मिलती रहती है। यह सिस्टम उन लोगों के लिए बढ़िया है जो किसी भी स्थिति में बिजली का रुकना नहीं चाहते। हालांकि इसकी कीमत सबसे ज्यादा होती है और इसका इंस्टॉलेशन भी थोड़ा जटिल होता है। इसके बावजूद जिनके पास बजट है, उनके लिए यह सबसे बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

कौन सा सिस्टम है आपके लिए सही विकल्प

अगर आप शहर में रहते हैं और आपके यहां दिन में 20-22 घंटे बिजली रहती है तो On-Grid सिस्टम आपके लिए परफेक्ट रहेगा क्योंकि इसमें बैटरी की जरूरत नहीं होती और यह सस्ता भी पड़ता है। वहीं अगर आप गांव में हैं या ऐसी जगह जहां बिजली अक्सर कटती रहती है तो Off-Grid सिस्टम आपके लिए सही रहेगा क्योंकि इसमें बिजली विभाग पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि कभी भी बिजली न जाए और आपके पास बजट की भी कोई परेशानी नहीं है तो Hybrid सिस्टम सबसे बेहतर विकल्प है। हर सिस्टम के फायदे और नुकसान हैं, लेकिन सही चुनाव आपकी जरूरतों और बजट पर निर्भर करता है। इसलिए सोलर सिस्टम लगवाने से पहले इन तीनों विकल्पों को अच्छे से समझें और फिर फैसला लें।

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