भारत सरकार ने अब एक बड़ा कदम उठाया है उन लोगों के लिए जो सोलर पैनल लगवाना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास छत नहीं है या जगह की कमी है। PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana के तहत अब सरकार एक utility-led solar program शुरू करने जा रही है, जिससे छत न होने पर भी घरों को सोलर बिजली का फायदा मिलेगा। इस योजना की घोषणा Mercom India Renewables Summit 2025 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने की। इस योजना के तहत बिजली वितरण कंपनियां (DISCOMs) खुद सोलर सिस्टम से जुड़कर ग्राहकों को सीधे सोलर से बिजली सप्लाई करेंगी।

अब सोलर बिजली के लिए छत की जरूरत नहीं
इस नई योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सोलर से जुड़ने के लिए घरों में छत होना ज़रूरी नहीं रहेगा। पहले जो लोग अपार्टमेंट में रहते थे, या जिनके घर पर छत छोटी थी, वे इस स्कीम से बाहर रह जाते थे। लेकिन अब utility-led मॉडल के जरिए सोलर पावर ग्रिड से जुड़कर बिजली कंपनियां हर घर को मुफ्त या सस्ती बिजली दे पाएंगी। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इसका उद्देश्य सोलर एनर्जी को हर भारतीय के लिए सुलभ और किफायती बनाना है।
भारत की ऊर्जा क्रांति और सोलर की बड़ी छलांग
प्रह्लाद जोशी ने बताया कि भारत ने अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50% हिस्सा अब नॉन-फॉसिल फ्यूल स्रोतों से हासिल कर लिया है। यह लक्ष्य हमने 5 साल पहले ही प्राप्त कर लिया है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। साल 2024 में ही सोलर और अन्य रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण देश ने ₹4 ट्रिलियन की बचत की है, जो पहले फॉसिल फ्यूल आयात पर खर्च होती थी। इसके साथ ही भारत में अब तक 116 GW सोलर कैपेसिटी और 52 GW विंड कैपेसिटी स्थापित हो चुकी है। सरकार ने अब 30 GWh की बैटरी स्टोरेज क्षमता के लिए ₹54 अरब का फंड भी मंजूर किया है, जिससे भविष्य में बिजली स्टोरेज की समस्या भी हल हो सकेगी।
Surya Ghar योजना को मिल रही है जबरदस्त प्रतिक्रिया
PM Surya Ghar योजना को शुरू से ही लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। अब तक इस योजना के तहत 5.87 मिलियन से अधिक आवेदन आ चुके हैं और 1.72 मिलियन घरों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉल हो चुके हैं। इस स्कीम ने न केवल बिजली बिल में कटौती की है, बल्कि लोगों को इनकम का नया जरिया भी दिया है। जो लोग बिजली की खपत से ज्यादा सोलर पावर जनरेट करते हैं, वे उसे DISCOM को बेचकर कमाई भी कर रहे हैं। नीचे इस सेक्टर से जुड़े कुछ अहम आंकड़े दिए गए हैं:
प्रमुख आंकड़े | विवरण |
कुल रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी | 245 GW+ |
सोलर एनर्जी कैपेसिटी | 116 GW |
विंड एनर्जी कैपेसिटी | 52 GW |
2024 की फॉसिल फ्यूल आयात में बचत | ₹4 ट्रिलियन |
बैटरी स्टोरेज फंडिंग | ₹54 अरब |
Surya Ghar के अंतर्गत आवेदन | 5.87 मिलियन+ |
पूरी हुई इंस्टॉलेशन | 1.72 मिलियन+ |
आने वाले समय की योजना और सरकार का विज़न
ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि इस ऊर्जा क्रांति को और तेज़ करने के लिए सरकार ने पांच बड़े फोकस एरिया तय किए हैं – मजबूत पावर परचेज एग्रीमेंट (PPAs), बेहतर ग्रिड और स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, घरेलू निर्माण को बढ़ावा, भूमि के उपयोग का स्मार्ट ऑप्टिमाइजेशन और सस्ते फाइनेंस की सुविधा। साथ ही नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 8.6 मिलियन टन प्रति वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और 3,000 मेगावॉट की इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण की योजना को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। इसका मकसद भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से टिकाऊ भविष्य की दिशा में बढ़ना है।
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